| | | الفاتحة | 001 |
| | 1 | ب | 1 |
| | 1 | ِ | 2 |
| | 1 | س | 3 |
| | 1 | ْ | 4 |
| | 1 | م | 5 |
| بِسْمِ | 2 | ِ | 6 |
| | 1 | ٱ | 7 |
| | 1 | ل | 8 |
| | 2 | ل | 9 |
| | 1 | ّ | 10 |
| | 1 | َ | 11 |
| | 1 | ه | 12 |
بِسْمِ ٱللَّهِ | ٱللَّهِ | 3 | ِ | 13 |
| | 2 | ٱ | 14 |
| | 3 | ل | 15 |
| | 1 | ر | 16 |
| | 2 | ّ | 17 |
| | 2 | َ | 18 |
| | 1 | ح | 19 |
| | 2 | ْ | 20 |
| | 2 | م | 21 |
| | 3 | َ | 22 |
| | 1 | ٟ | 23 |
| | 1 | ن | 24 |
| ٱلرَّحْـمَـٰنِ | 4 | ِ | 25 |
| | 3 | ٱ | 26 |
| | 4 | ل | 27 |
| | 2 | ر | 28 |
| | 3 | ّ | 29 |
| | 4 | َ | 30 |
| | 2 | ح | 31 |
| | 5 | ِ | 32 |
| | 1 | ي | 33 |
| | 3 | م | 34 |
ٱلرَّحْـمَـٰنِ ٱلرَّحِيـمِ١ | ٱلرَّحِيـمِ١ | 6 | ِ | 35 |
| | 4 | ٱ | 36 |
| | 5 | ل | 37 |
| | 3 | ْ | 38 |
| | 3 | ح | 39 |
| | 5 | َ | 40 |
| | 4 | م | 41 |
| | 4 | ْ | 42 |
| | 1 | د | 43 |
| ٱلْحَمْدُ | 1 | ُ | 44 |
| | 6 | ل | 45 |
| | 7 | ِ | 46 |
| | 7 | ل | 47 |
| | 4 | ّ | 48 |
| | 6 | َ | 49 |
| | 2 | ه | 50 |
| لِلَّهِ | 8 | ِ | 51 |
| | 3 | ر | 52 |
| | 7 | َ | 53 |
| | 2 | ب | 54 |
| | 5 | ّ | 55 |
| رَبِّ | 9 | ِ | 56 |
| | 5 | ٱ | 57 |
| | 8 | ل | 58 |
| | 5 | ْ | 59 |
| | 1 | ع | 60 |
| | 8 | َ | 61 |
| | 2 | ٟ | 62 |
| | 9 | ل | 63 |
| | 9 | َ | 64 |
| | 5 | م | 65 |
| | 10 | ِ | 66 |
| | 2 | ي | 67 |
| | 2 | ن | 68 |
رَبِّ ٱلْعَٟلَمِيـنَ ٢ | ٱلْعَٟلَمِيـنَ ٢ | 10 | َ | 69 |
| | 6 | ٱ | 70 |
| | 10 | ل | 71 |
| | 4 | ر | 72 |
| | 6 | ّ | 73 |
| | 11 | َ | 74 |
| | 4 | ح | 75 |
| | 6 | ْ | 76 |
| | 6 | م | 77 |
| | 12 | َ | 78 |
| | 3 | ٟ | 79 |
| | 3 | ن | 80 |
| ٱلرَّحْـمَـٰنِ | 11 | ِ | 81 |
| | 7 | ٱ | 82 |
| | 11 | ل | 83 |
| | 5 | ر | 84 |
| | 7 | ّ | 85 |
| | 13 | َ | 86 |
| | 5 | ح | 87 |
| | 12 | ِ | 88 |
| | 3 | ي | 89 |
| | 7 | م | 90 |
ٱلرَّحْـمَـٰنِ ٱلرَّحِيـمِ ٣ | ٱلرَّحِيـمِ | 13 | ِ | 91 |
| | 8 | م | 92 |
| | 14 | َ | 93 |
| | 4 | ٟ | 94 |
| | 12 | ل | 95 |
| | 14 | ِ | 96 |
| | 1 | ك | 97 |
| مَٟلِكِ | 15 | ِ | 98 |
| | 4 | ي | 99 |
| | 15 | َ | 100 |
| | 1 | و | 101 |
| | 7 | ْ | 102 |
| | 9 | م | 103 |
| يَوْمِ | 16 | ِ | 104 |
| | 8 | ٱ | 105 |
| | 13 | ل | 106 |
| | 2 | د | 107 |
| | 8 | ّ | 108 |
| | 17 | ِ | 109 |
| | 5 | ي | 110 |
| | 4 | ن | 111 |
مَٟلِكِ يَوْمِ ٱلدِّين ٤ | ٱلدِّينِ | 18 | ِ | 112 |
| | 1 | إ | 113 |
| | 19 | ِ | 114 |
| | 6 | ي | 115 |
| | 9 | ّ | 116 |
| | 16 | َ | 117 |
| | 1 | ا | 118 |
| | 2 | ك | 119 |
| إِيَّاكَ | 17 | َ | 120 |
| | 5 | ن | 121 |
| | 18 | َ | 122 |
| | 2 | ع | 123 |
| | 8 | ْ | 124 |
| | 3 | ب | 125 |
| | 2 | ُ | 126 |
| | 3 | د | 127 |
| نَعْبُدُ | 3 | ُ | 128 |
| | 2 | و | 129 |
| وَ | 19 | َ | 130 |
| | 2 | إ | 131 |
| | 20 | ِ | 132 |
| | 7 | ي | 133 |
| | 10 | ّ | 134 |
| | 20 | َ | 135 |
| | 2 | ا | 136 |
| | 3 | ك | 137 |
| إِيَّاكَ | 21 | َ | 138 |
| | 6 | ن | 139 |
| | 22 | َ | 140 |
| | 2 | س | 141 |
| | 9 | ْ | 142 |
| | 1 | ت | 143 |
| | 23 | َ | 144 |
| | 3 | ع | 145 |
| | 21 | ِ | 146 |
| | 8 | ي | 147 |
| | 7 | ن | 148 |
| نَسْتَعِيـنُ ٥ | 4 | ُ | 149 |
| | 9 | ٱ | 150 |
| | 3 | ه | 151 |
| | 10 | ْ | 152 |
| | 4 | د | 153 |
| | 22 | ِ | 154 |
| | 8 | ن | 155 |
| | 24 | َ | 156 |
| ٱهْدِنَا | 3 | ا | 157 |
| | 10 | ٱ | 158 |
| | 14 | ل | 159 |
| | 1 | ص | 160 |
| | 11 | ّ | 161 |
| | 23 | ِ | 162 |
| | 6 | ر | 163 |
| | 25 | َ | 164 |
| | 5 | ٟ | 165 |
| | 1 | ط | 166 |
| ٱلصِّرَٟطَ | 26 | َ | 167 |
| | 11 | ٱ | 168 |
| | 15 | ل | 169 |
| | 11 | ْ | 170 |
| | 10 | م | 171 |
| | 5 | ُ | 172 |
| | 3 | س | 173 |
| | 12 | ْ | 174 |
| | 2 | ت | 175 |
| | 27 | َ | 176 |
| | 1 | ق | 177 |
| | 24 | ِ | 178 |
| | 9 | ي | 179 |
| | 11 | م | 180 |
ٱلصِّرَٟطَ ٱلْمُسْتَقِيـمَ٦ | ٱلْمُسْتَقِيـمَ٦ | 28 | َ | 181 |
| | 2 | ص | 182 |
| | 25 | ِ | 183 |
| | 7 | ر | 184 |
| | 29 | َ | 185 |
| | 6 | ٟ | 186 |
| | 2 | ط | 187 |
| صِـرَٟطَ | 30 | َ | 188 |
| | 12 | ٱ | 189 |
| | 16 | ل | 190 |
| | 12 | ّ | 191 |
| | 31 | َ | 192 |
| | 1 | ذ | 193 |
| | 26 | ِ | 194 |
| | 10 | ي | 195 |
| | 9 | ن | 196 |
صِـرَٟطَ ٱلَّذِينَ | ٱلَّذِينَ | 32 | َ | 197 |
| | 1 | أ | 198 |
| | 33 | َ | 199 |
| | 10 | ن | 200 |
| | 13 | ْ | 201 |
| | 4 | ع | 202 |
| | 34 | َ | 203 |
| | 12 | م | 204 |
| | 14 | ْ | 205 |
| | 3 | ت | 206 |
| أَنْعَمْتَ | 35 | َ | 207 |
| | 5 | ع | 208 |
| | 36 | َ | 209 |
| | 17 | ل | 210 |
| | 37 | َ | 211 |
| | 11 | ي | 212 |
| | 15 | ْ | 213 |
| | 4 | ه | 214 |
| | 27 | ِ | 215 |
| | 13 | م | 216 |
| عَلَيْـهِـمْ | 16 | ْ | 217 |
| | 1 | غ | 218 |
| | 38 | َ | 219 |
| | 12 | ي | 220 |
| | 17 | ْ | 221 |
| | 8 | ر | 222 |
| غَيْـرِ | 28 | ِ | 223 |
| | 13 | ٱ | 224 |
| | 18 | ل | 225 |
| | 18 | ْ | 226 |
| | 14 | م | 227 |
| | 39 | َ | 228 |
| | 2 | غ | 229 |
| | 19 | ْ | 230 |
| | 1 | ض | 231 |
| | 6 | ُ | 232 |
| | 3 | و | 233 |
| | 4 | ب | 234 |
| ٱلْمَغْضُوبِ | 29 | ِ | 235 |
| | 6 | ع | 236 |
| | 40 | َ | 237 |
| | 19 | ل | 238 |
| | 41 | َ | 239 |
| | 13 | ي | 240 |
| | 20 | ْ | 241 |
| | 5 | ه | 242 |
| | 30 | ِ | 243 |
| | 15 | م | 244 |
| عَلَيْـهِـمْ | 21 | ْ | 245 |
| | 4 | و | 246 |
| وَ | 42 | َ | 247 |
| | 20 | ل | 248 |
| | 43 | َ | 249 |
| لَا | 4 | ا | 250 |
| | 14 | ٱ | 251 |
| | 21 | ل | 252 |
| | 2 | ض | 253 |
| | 13 | ّ | 254 |
| | 44 | َ | 255 |
| | 1 | آ | 256 |
| | 22 | ل | 257 |
| | 14 | ّ | 258 |
| | 31 | ِ | 259 |
| | 14 | ي | 260 |
| | 11 | ن | 261 |
| ٱلضَّآلِّيـنَ ٧ | 45 | َ | 262 |
| | | |
| | | | | | | |
| | | |
0 | 0 | ء | 1 | |
1 | 1 | آ | 2 | |
1 | 1 | أ | 3 | |
0 | 0 | ؤ | 4 | |
0 | 2 | إ | 5 | |
14 | 14 | ٱ | 6 | |
0 | 0 | ئ | 7 | |
4 | 4 | ا | 8 | |
4 | 4 | ب | 9 | |
0 | 0 | ة | 10 | |
3 | 3 | ت | 11 | |
0 | 0 | ث | 12 | |
0 | 0 | ج | 13 | |
5 | 5 | ح | 14 | |
0 | 0 | خ | 15 | |
4 | 4 | د | 16 | |
1 | 1 | ذ | 17 | |
8 | 8 | ر | 18 | |
0 | 0 | ز | 19 | |
3 | 3 | س | 20 | |
0 | 0 | ش | 21 | |
2 | 2 | ص | 22 | |
2 | 2 | ض | 23 | |
2 | 2 | ط | 24 | |
0 | 0 | ظ | 25 | |
6 | 6 | ع | 26 | |
2 | 2 | غ | 27 | |
0 | 0 | ف | 28 | |
1 | 1 | ق | 29 | |
3 | 3 | ك | 30 | |
22 | 22 | ل | 31 | |
15 | 15 | م | 32 | |
11 | 11 | ن | 33 | |
5 | 5 | ه | 34 | |
0 | 0 | و | 35 | |
0 | 0 | ى | 36 | |
14 | 14 | ي | 37 | |
0 | 0 | ٌ | 38 | |
45 | 45 | َ | 39 | |
0 | 0 | ُ | 40 | |
31 | 31 | ِ | 41 | |
14 | 14 | ّ | 42 | |
21 | 21 | ْ | 43 | |
0 | 0 | ٓ | 44 | |
0 | 0 | ٔ | 45 | |
0 | 0 | ٙ | 46 | |
0 | 0 | ٚ | 47 | |
0 | 0 | ٛ | 48 | |
6 | 6 | ٟ | 49 | |
| | | |
| | | |